मनुष्य सैक्स का नहीं आनंद का भूखा है - स्बामी शशि कान्त 'सदैब' ** चार दिवसीय ओशो शिविर का भव्य शुभारंभ

शिवपुरी- शहर के मध्य सेलीब्रेशन गार्डन में चार दिवसीय ओशो शिविर का भव्य शुभारंभ प्रसिद्ध ओशो स्वामी शशिकांत सदैव के सानिध्य में हुआ। स्वामी जी ने बताया कि मनुष्य सैक्स का नहीं आनंद का भूखा है और आनंद प्राप्त करने के कई प्रकार हैं कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए ओशो शिविर जोरवा द बुद्धा को आज पत्रकारों के बीच परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि जोरवा और बुद्धा एक-दूसरे के समायोजक है जहां हम यूं बात करें कि एक व्यक्ति जो भगवान को प्राप्त करने के लिए हिमाचल चला जाता है और दूसरा वह व्यक्ति जो प्रतिदिन भगवान का ध्यान पूजा व व्रत-कर्मकाण्ड करता है वह भी भगवान को प्राप्त करना चाहता है ऐसे में जोरवा द बुद्धा के अनुसार जो दोनों ही जीवन जीए वही सही अर्थों में जोरवा द बुद्धा होता है। ओशो शिविर के शुभारंभ के बाद शिविर संचालक शशिकांत सदैव ने अपने कई तरह के अनुभव ओशो सन्यासियों के बीच बांटा और उन्हें जीवन जीने की कला का अनुभव कराया। उन्होंने तनाव, चिंता और डिप्रेशन को कैसे दूर किया जाए लेकर बड़े ही सरल शब्दों में ओशो स्वामियों को बताया। प्रात: 6 बजे ओशो ध्यान क्रियाओं के बाद हुए दूसरे सत्र में शिविर संचालक शशिकांत सदैव ने गीत-संगीत और ओशो स्वामियों को उनके अनुरूप जीवन जीने का आभास कराया। उन्हेांने बताया कि संसार में रहकर पूजा-पाठ करना ध्यान नहीं बल्कि कर्मकांड करना होता है जो व्यक्ति प्रतिदिन करता है वह अपने कर्म को जीता है लेकिन ओशो ने कर्मपूजा को अपने ही अनुसार बताया जिसमें ओशो ने धर्मी के हाथ में ध्यान जोड़ दिया, ऐसा सन्यासी जो पूजा भी करें और ध्यान भी करें तभी वह सही अर्थों में अपना जीवन खुलकर जी सकेगा। शिविर संचालक के अनुसार कीचड़ में रहकर कमल खिलना भी जोरवा और बुद्धा के समान है जिसमें भौतिकता और आध्यात्मिकता, धन और ध्यान, संसार और सन्यास का संतुलन है।  इस अवसर पर ओशो परिवार के  स्बामी प्रेम कृष्ण (राजेन्द्र जेन), स्बामी चेतन उन्मेष (गोपी कृष्ण), स्बामी प्रेम प्रकाश(प्रकाश सिलोरिया), स्बामी निखिल आनंद(गोपाल जी स्बर संगम), स्बामी ध्यान निद्रोष(रवींद्र गोयल), स्बामी चिदानंद(सुधीर सिघल), स्बामी कृष्ण आनंद(भूपेन्द्र विकल), स्बामी आनंद ज्ञान(नीरज गर्ग), स्बामी हरिओम अग्रवाल, स्बामी बृजेश गुप्ता, मीडिया प्रभारी राजू यादव इत्यादि ओशो प्रेमीओ ने संयुक्त रूप से बताया कि उपरोक्त शिविर मे सम्पूर्ण म.प्र.के ओशो प्रेमी के अलावा उ.प्र., राजस्थान, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल, उतराखंड के भी ओशो संयासी, माँ, प्रेमी हिस्सेदारी निभायेगे

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