भोपाल...लम्बे वक्त के बाद आज शाम 6 बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हो रही कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में रेत की खदानें पांच साल के लिए ठेके पर दिए जाने के प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा होने के आसार हैं। नई रेत खनन नीति में रेत के संग्रहण और लोडिंग में मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना है । ढाई माह बाद हो रही औपचारिक कैबिनेट में कई मुद्दों पर विचार किया जा सकता है ।कैबिनेट में 17 प्रस्तावों पर चर्चा होगी।
इसमें रेत खनन का मुद्दा सबसे प्रमुख है।नई रेत नीति में रेत खदान समूह को पांच साल पर ठेके पर देने का प्रस्ताव है। इसके तहत प्रथम तीन साल में ठेका राशि में दस फीसदी और शेष दो सालों में 20 प्रतिशत के हिसाब से राशि बढ़ाई जाएगी। प्रस्तावित नीति के तहत राज्य खनिज निगम ठेकों को ऑनलाइन नीलाम करेगा। प्रदेश में एक बार फिर रेत खदानों के ठेके होंगे।नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में रेत खनन, संग्रहण और लोडिंग के काम में मशीनों पर पूरी तरह रोक रहेगी।अन्य नदियों में पांच हेक्टेयर तक की खदानों में स्थानीय श्रमिकों की समिति से खनन, संग्रहण और लोडिंग का काम कराया जाएगा ।बड़ी खदानों में मशीन के उपयोग की इजाजत होगी।
रेत ट्रांजिट पास के माध्यम से ही निकलेगी ।यह प्रस्ताव नई रेत खनन नीति में किए गए हैं।2021 तक के लिए वैध खदान के ठेकेदारों को समर्पण का विकल्प दिया जाएगा।नीलामी में यदि 125 रुपए घनमीटर या उसके ऊपर राशि प्राप्त होती है तो 75 रुपए प्रति घनमीटर संबंधित पंचायत और 50 रुपए प्रति घनमीटर जिला स्तर पर जिला खनिज निधि में दी जाएगी।ठेका नीलाम करने से निगम को जो भी राशि मिलेगी, उसमें वह अपना खर्च निकालने के बाद पांच प्रतिशत प्रोत्साहन राशि रखकर शासन को देगा ।निजी भूमि की स्थिति में पंचायत को 75 रुपए प्रति घनमीटर की रायल्टी दी जाएगी।
एक वित्तीय वर्ष में यदि रेत से पंचायत को 25 लाख रुपए से ज्यादा की आय होती है तो ऊपर की राशि जिला खनिज निधि मद में दे दी जाएगी। किसान, कारीगर, मजदूर, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सदस्य और कुम्हारों को गांव में स्वयं का आवास बनाने, मरम्मत करने, कृषि कार्य या कुएं बनाने में रेत पर रायल्टी नहीं लगेगी । पंचायत सार्वजनिक हित के जो काम स्वयं करेगी, उस पर भी रायल्टी नहीं ली जाएगी ।ठेकेदारों से काम करने पर यह छूट नहीं रहेगी। आज कैबिनेट बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव उद्योग विभाग की लैंड पुलिंग योजना का भी चर्चा के लिए आएगा।
लैंड पोलिंग योजना के तहत इंडस्ट्रियल एरिया में निजी भूमि का अधिग्रहण करने की जगह लैंड पुलिंग का प्रावधान रहेगा यानी निजी व्यक्ति की जमींन सरकार प्रचलित कलेक्टर गाइडलाइन पर लेगी।इसके आधे रेट पर संबंधित को दिया जायेगा साथ ही उसी क्षेत्र में एक विकसित प्लाट भी दिया जायेगा जो फ्री होल्ड रहेगा सम्बंधित व्यक्ति उस प्लाट का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र रहेगा यानि वह चाहे तो उसे बेच भी सकता है।
इन मुद्दों पर भी हो सकती है चर्चा
-किसानों के लिए बजट सहित कई मुद्दों पर चर्चा
-रुके हुए सड़क, बिजली, पानी के कामों को लेकर चर्चा
-नए शिक्षा सत्र और छात्रवृत्ति और स्कूलों से जुड़े अन्य विषयों पर चर्चा
-रेत की खदानों को 5 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर दिए जाने पर चर्चा
-रेत के लिए निविदा ऑनलाइन आयोजित करने को लेकर चर्चा?
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