KHABAR AAPTAK (NEWS INDIA)
प्रधान संपादक साहिल खान
संपादक मनोज उपाध्याय
शिवपुरी पी डब्लू डी का सात करोड़ का बड़ा घोटाला शायद विभाग के अधिकारियों के ही भेंट चढ़ गया। यह बात इसलिए बोलना पड़ रहा है, की पी डब्लू डी विभाग के घोटाले को सामने आए हुए, करीबन तीन माह हो गए है। ओर यह सारा घोटाला कलेक्टर साहब के संज्ञान में होने के बाद भी ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है,जब पी डब्लू डी अधिकारी ओर कर्मचारियों ने अपने अपने बयान कलेक्टर साहब के समक्ष दिए थे, उसके बाद ही कलेक्टर साहब ने ही पुलिस को एफ आई आर करने का आदेश दिया था। फिर भी अभीतक पी डब्लू डी विभाग के जितने भी कर्मचारी वह अधिकारी इस घोटाले मै लिप्त पाए गए और जिन पर एफ आई आर हुई उन अधिकारियों ओर कर्मचारियों को पुलिस ने आजतक क्यों गिरफ्तार नहीं किया। इससे तो यही प्रतीत होता है, की पुलिस ओर पी डब्लू डी अधिकारियों ने घोटाले की लीपापोती कर दी।?
घोटाले लिप्त अधिकारी वह कर्मचारियों के नाम जिनको अभिताक नहीं पकड़ा गया
1= ओमहरि शर्मा (कार्यपालन यंत्री)
2= जी.बी. मिश्रा (कार्यपालन यंत्री)
3= बी.एस. गुर्जर (कार्यपालन यंत्री)
4=हरिओम अग्रवाल (कार्यपालन यंत्री)
5= धर्मेंद्र सिंह यादव (कार्यपालन यंत्री)
6=एच.के.मीना(संभागीय लेखाधिकारी)
7=संजय शर्मा (संभागीय लेखाधिकारी)
8=वैभव गुप्ता(संभागीय लेखाधिकारी)
9= दयाराम शिवहरे (सहायक ग्रेड 3)
10= प्रेमनारायण नामदेव (सहायक ग्रेड 3)
साबल
इन अधिकारी ओर कर्मचारियों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया ?
क्या एक प्राइवेट ठेकेदार के द्वारा लगाए गए विकलांग गौरव श्रीवास्तव कम्प्यूटर ऑपरेटर को ही गिरफ्तार कर जेल भेजा है, पर अभी उन अधिकारियों ओर कर्मचारियों को क्यों नहीं सबाल यही बना हुआ।?
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