KHABAR AAPTAK (NEWS INDIA)
प्रधान संपादक साहिल खान
दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव
रिपोर्टर रामलाल गौतम
नए सत्र में स्वास्थ्य की पहली पाठशाला — दतिया में विद्यार्थियों को नींबू पानी के साथ खिलाई गई आयरन गोलियां
दतिया। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जैसे ही विद्यालयों में नया शैक्षणिक सत्र आरंभ हुआ, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग ने मिलकर छात्रों के बेहतर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। शासकीय माध्यमिक विद्यालय, हाथीखाना में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.के. वर्मा की अध्यक्षता में "एनीमिया मुक्त भारत अभियान" के अंतर्गत विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डी.के. सोनी, एविडेंस एक्शन के संभागीय समन्वयक श्री ऋषिकांत पांडेय तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री सौमित्र बुधौलिया विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं को स्वास्थ्य अमले व शिक्षकों की उपस्थिति में नींबू पानी के साथ आयरन की गोलियां वितरित की गईं। बच्चों को बताया गया कि आयरन की गोली के नियमित सेवन से शरीर में खून की कमी (एनीमिया) की समस्या को रोका जा सकता है। साथ ही, यह भी समझाया गया कि विटामिन सी युक्त पेय जैसे नींबू पानी के साथ गोली लेने से शरीर में आयरन का अवशोषण बेहतर होता है।
*जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डी.के. सोनी* ने कहा,
"बच्चों की उम्र में आयरन की कमी उनकी मानसिक और शारीरिक वृद्धि पर असर डालती है। इसीलिए हम सभी स्कूलों में नियमित आयरन वितरण सुनिश्चित कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से यह अभियान और अधिक असरकारी होगा।"
*संभागीय समन्वयक (एविडेंस एक्शन) श्री ऋषिकांत पांडेय* ने कहा,
"हमारा प्रयास है कि आयरन वितरण केवल औपचारिक गतिविधि न रहे, बल्कि शिक्षक स्वयं इसमें रुचि लेकर बच्चों को इसका महत्व समझाएं। नींबू पानी के साथ गोली खिलाना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से एक प्रभावी तरीका है, जिसे सभी विद्यालय अपनाएं।"
कार्यक्रम के अंत में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वर्मा* ने सभी शिक्षकों को निर्देश दिए कि इस शैक्षणिक सत्र में विद्यालय स्तर पर बच्चों को नियमित रूप से आयरन की गोली दी जाए तथा खून की कमी से जुड़े लक्षणों पर सतत निगरानी रखी जाए, उन्होंने कलेक्टर महोदय की बैठक में लिए गए निर्णयों का हवाला देते हुए जिले में शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं अभिभावकों से भी अपील करते हुए कहा कि सभी इस अभियान को जन आंदोलन का रूप दें। सभी स्तरों पर समन्वय कर ही जिले को एनीमिया मुक्त बनाया जा सकता है।
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