*भोपाल...*
विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने मंडी संचालक मंडलों का एक्सटेंशन 6 महीनें के लिए बढ़ा दिया है। दरअसल,प्रदेश की 257 मंडी समितियों का कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा हैं, लेकिन चुनाव से पहले सरकार किसी भी विवाद में नही पड़ना चाहती, इसलिए छह महिने का एक्टेंशन बढ़ा दिया है।अब मंडी में जनवरी 2019 में चुनाव कराए जाएंगें।हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा एक बार पहले भी कार्यकाल बढ़ा चुकी है।जिसको लेकर हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस भी जारी किया गया था।
सुत्रों की माने तो वर्तमान की शिवराज सरकार चुनावी साल में कोई रिस्क नही लेना चाहती है और सरकार को डर है कि मंडी मे अगर चुनाव कराए गए तो नतीजे प्रभावित हो सकते है। इसलिए सरकार ने आनन-फानन में ये फैसला लेकर अगली सरकार पर ये जिम्मा डाल दिया है।हालांकि प्रदेश की 257 मंडियों का कार्यकाल शनिवार सात जुलाई को समाप्त हो रहा है।हालांकि कार्यकाल को छह महिने पहले ही पूरे हो चुके थे, लेकिन सरकार ने चुनाव से बचने के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया था और इस बार भी यही किया है।सरकार द्वारा दूसरी बार कार्यकाल बढ़ाया गया है। वही इस साल भी चना,मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्याज-लहसुन की फ्लैट रेट पर खरीदी और मूंग-उड़द में प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना है।इस चुनाव से लाखों किसान जुड़े होते है, ऐसे में नंबवर में चुनाव होना है और सरकार कोई रिस्क नही लेना चाहती।इसलिए कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। लेकिन इसके बाद अब सरकार कार्यकाल नही बढ़ा सकती है। चुंकी मंडी का कार्यकाल सिर्फ दो ही बार बढ़ाया जा सकता है। अब सरकार को आगामी 6 जनवरी 2019 को मंडी चुनाव करवाने ही होंगें। अब सरकार तीसरी बार चुनाव कराने से नही बच सकती ।खैर तब तक विधानसभा चुनाव भी हो जाएंगें और स्थिति साफ हो जाएगी कि कौन की पार्टी सत्ता पर राज करेगी।
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