KHABAR AAPTAK NEWS INDIA
दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव
रिपोर्टर चेतन दास सुखानी, रामलाल गौतम
साहित्यकार होता है समाज का मार्गदर्शन- डॉ नरोत्तम मिश्रा
हमें कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता है- डॉ विकास दवे
‘भाषा भूषण सम्मान’ से विभूषित हुए दिनेश प्रभात
दो दिवसीय अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन संपन्न
दतिया। दो दिवसीय अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन का आयोजन स्थानीय ब्लू स्टार होटल में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि साहित्यकार समाज का मार्गदर्शक होता है और वह हमेशा समाज को नई दिशा देने का काम करता है इसलिए साहित्यकारों को समाज में विशेष स्थान प्राप्त है। आज जो विकृतियों समाज में आ रही हैं उन विकृतियों को दूर करने का काम भी साहित्यकारों के ही जिम्मे है। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित साहित्य अकादमी के निदेशक डॉक्टर विकास दवे ने कहा कि पूरे देश में दो- चार घटनाएं ही ऐसी घटती हैं जो हमारे सांस्कृतिक वातावरण को खराब करती हैं बाकी 99 पर्सेंट भारतीय परिवार अभी भी कुटुंब परंपरा और भारतीय संस्कृति के अनुरूप काम कर रहे हैं। हमें निरंतर कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी अमित अग्रवाल ने करते हुए कहा कि अखिल भारतीय साहित्यकार सम्मेलन दतिया में पूरे देश से साहित्यकारों को बुलाकर दतिया दर्शन और साहित्य दर्शन एक साथ करने का उपक्रम है। कार्यक्रम पांच सत्रों में संपन्न हुआ जिसमें प्रथम सत्र परिचय सत्र के रूप में रहा। जिसमें पूरे देश से लगभग 88 साहित्यकारों ने सम्मिलित होकर अपना परिचय दिया वहीं द्वितीय सत्र उद्घाटन प्रस्तावना के रूप में प्रस्तुत किया गया। जिसमें देश के जाने- माने साहित्यकार और गीत गागर के संपादक डॉ दिनेश प्रभात को ‘भाषा भूषण सम्मान- 2025’ से अलंकृत किया गया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय में संयुक्त निदेशक के पद पर कार्यरत साहित्यकार आईईडीएस हरेंद्र प्रताप सिंह जी उपस्थित रहे हैं। समाज सेवी संजीव साहू, समाज सेवी अरविंद अग्रवाल, समाज सेवी एलआईसी अधिकारी अजय शर्मा, समाज सेवी एवं लाॅर्ड कृष्णा काॅलेज के संचालक सुमित रावत, समाज सेवी पुनीत तिलवानी, समाज सेवी महेश गुलबानी, समाज सेवी रमेष चंन्द्र अग्रवाल, समाज सेवी चंन्द्र प्रकाष अग्रवाल, समाज सेवी डाॅ हेमन्त जैन, समाज सेवी डाॅ मुकेष राजपूत, समाज सेवी विनोद षर्मा, समाजसेवी रमेष चंन्द्र द्विवेदी और कवि मैथिलीषरण श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में तृतीय सत्र विषय विमर्श का रखा गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ विकास दवे ने विषय ‘टूटते परिवार और लवजिहाद की चुनौती’ पर अपना वक्तव्य दिया, साथ ही अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे और लव जिहाद जैसे षड्यंत्र के प्रति चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम का चैथा सत्र आदित्य संस्कृति की यात्रा पर रखा गया जिसमें मासिक पत्रिका आदित्य संस्कृति के महत्व और आदित्य संस्कृति में प्रकाशित व्यक्तित्व के विशेषांक पर आधारित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 50 से अधिक व्यक्तित्वों को ‘स्मृतिषेश डाॅ अन्नपूर्णा भदौरिया सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पांचवें सत्र अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्र से प्रदेशों से आए साहित्यकारों का सम्मान दतिया के विभिन्न दिवंगत कवियों के नाम पर किया गया। वहीं दूसरे दिन विनोद मिश्रा के संयोजन में सद् ग्रंथों की शोभा यात्रा और एषिया दिनेष श्रीवास्तव के संयोजन में के सबसे बडे नवगृह मंदिर के दर्शन के साथ साथ दतिया के मंदिरों के दर्शन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम संयोजक जगत शर्मा ने सभी अतिथियों और अतिथि साहित्यकारों का आभार प्रकट किया वहीं आदित्य संस्कृति के संपादक भानु शर्मा ने आगे भी इस तरह के आयोजन पत्रिका प्रबंधन द्वारा आयोजित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने बताया कि हिंदी महोत्सव के अंतर्गत आगे भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे। कार्यक्रम में षुभादित्य षर्मा अंकित सारस्वत ( खुर्जा, उ.प्र.), डाॅ चंद्रषेखर गोस्वामी (भोपाल), दुर्गेष्वर राय (गोरखपुर), सीताराम मीणा (बारां, राजस्थान), प्रमोद दीक्षित ‘मलय’ (बांदा), उमेष अग्रवाल (झांसी), मीरा अग्रवाल (झांसी), चंद्रषेखर मित्र (प्रतापगढ), प्रकाष षिन्दे (ग्वालियर), विनय साहू (चित्रकूट), डा यषोधरा यादव (आगरा), अभिशेक मिश्रा (दिल्ली), अनुपमा मिश्रा (दिल्ली), कुलदीप मिश्रा (मैनपुरी)) डाॅ सीमा षर्मा ‘मंजरी’ डाॅ रामनिवास तिवारी ‘आषुकवि’ (निवाडी) डाॅ राजेष तिवारी ‘मक्खन, (झांसी), विजय कुमार सैनी, (झांसी ) डाॅ राजश्री यादव (आगरा), डाॅ वीणा गौतम (दिल्ली), डाॅ पवन कुमार गुप्ता ‘तूफान’ (झांसी), प्रेरणा परमार ‘तृश्णा’ (मुरैना), डाॅ तनुजा कुषवाहा (झांसी), निमिशा गोस्वामी (जालौन), दिलीप कुमार श्रीवास्तव (मजफफरपुर), षिवम तोमर (इटावा), डाॅ मंजूलता आर्य (ग्वालियर), डाॅ पप्पूराम सहाय (झांसी), कमलेकर नागेष्वर राव (हैदराबाद), डाॅ अरविन्द द्विवेदी (वाराणसी), कामता प्रसाद प्रजापति (झांसी), डाॅ अनीता सचान (लखनऊ), इंजी. हरिप्रकाष गुप्ता (भिलाई) डाॅ अमित षर्मा ‘महासमर’ (ग्वालियर), डाॅ रत्नेष गुप्ता (ग्वालियर), रमेष चन्द्र वाजपेयी (षिवपुरी), मेनिका साकेत (रीवा), नवीन कुमार (लखनऊ), डाॅ ज्येत्स्ना सिंह (ग्वालियर), डाॅ प्रतिभा त्रिवेदी (ग्वालियर), डाॅ रचना तिवारी (सोनभद्र), श्रीमन्नारायणचारी ‘विराट’ (निजामावाद, तलंगाना), संगीता गुप्ता (ग्वालियर), डाॅ आर्यावर्ती सरोज (लखनऊ), डाॅ निलीमा वर्मा (मुजफुरपुर, बिहार), डाॅ अरविन्द श्रीवास्तव (दतिया), डाॅ राज गोस्वामी (दतिया), डाॅ हरिकृश्ण ‘हरि’ (दतिया), डाॅ राजू त्यागी, (दतिया), विराज सिंह तोमर (दतिया), एस डी षर्मा (दतिया), कमलकांत षर्मा (दतिया), मनीराम षर्मा (दतिया), पूरनचंद षर्मा (दतिया), डाॅ हेमंत कुमार जैन (दतिया), कल्पना उदैनिया (दतिया), विनोद षर्मा (मोरवी, गुजरात), चित्रांष खरे (भोपाल), ललित व्यास पाण्डेय (भोपाल), अभय जैन (भोपाल), नीता सक्सैना (भोपाल), डाॅ मीनाक्षी दुवे (सीधी), आदि का काव्य पाठ हुआ और इन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान दिनेष श्रीवास्तव आदित्य षर्मा आषुतोष मिश्रा निरंजन श्रोतिय मनोज तिवारी हरिहर समाधिया डाॅ लोकेन्द्र सिंह नागर डाॅ आर पी गुप्ता विनोद मिश्रा अभय गुप्ता अवधेष योगी आदि बडी संख्या में स्थानीय साहित्यकार उपस्थित रहे।
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