अयोध्या में छाई खुशियों के बीच मंथरा का षड्यंत्र श्री राम ,लक्ष्मण और सीता को जाना पड़ा वन में ।

KHABAR AAPTAK NEWS INDIA 
दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव 
रिपोर्टर चेतन दास सुखानी, रामलाल गौतम 

दतिया स्थित किला चौक पर शनिवार को अपर कलेक्टर श्री महेंद्र सिंह कवचे के मुख्य आतिथ्य में छठवें दिवस रामलीला का भव्य आयोजन किया गया। रामलीला में आज श्री राम के राजतिलक की घोषणा, मंथरा के षड्यंत्र एवं श्री राम लक्ष्मण और श्री सीता माता के वन गमन का मंचन किया गया। अपर कलेक्टर श्री कवचे ने कहा कि मुझे रामलीला में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । उन्होंने कहा कि समाज के लिए आज के हालात में भी श्री राम का चरित्र प्रेरणा दायक है। इस दौरान उनके साथ पत्नी और बेटियां मौजूद रही उन्होंने भी आरती उतारी। किला चौक पर चल रही रामलीला में दर्शकों का उत्साह लगातार बढ़ रहा है ।इस से न केवल मंचन करने वाले कलाकार उत्साहित है बल्कि रामलीला की परंपरा को भी बल मिल रहा है ।शनिवार की रात मंच पर जब अयोध्या के राजा दशरथ ने अपने सलाहकारो को बुलाकर श्री राम के राजतिलक का सुझाव रखा ।सभी ने सहमति दी और धूमधाम से श्री राम का राजतिलक होने वाला था। महाराज दशरथ ने कहा कि अब मेरी उम्र राज करने की नहीं ।अयोध्या में जमकर खुशियां मनाई जाने वाली थी लेकिन इसके बाद लीला में अचानक गमगीन माहौल बन गया। अयोध्या के महल की सेविका का काम करने वाली मंथरा ने जब दशरथ की पत्नी महारानी कैकई से कहा कि अगर राम को राजतिलक हो गया तो भरत का क्या होगा ।षड्यंत्र के बाद राजतिलक की तैयारी धरी रह गई। जब कैकेई अपने बेटे भरत के राजतिलक कराने पर उतारू हो गईं ।राजा दशरथ उनकी हठ के आगे मजबूर हो गए ।उन्होंने घोषणा कर दी कि भरत को अयोध्या की गद्दी दी जाए और श्री राम को वनवास। जैसे ही श्री राम को 14 वर्ष का वनवास हुआ तो उनके साथ लक्ष्मण और सीता जी भी वन को चल दिए।लेकिन भरत ने महाराज दशरथ का उत्तराधिकारी बनना स्वीकार नहीं किया। अपनी मां कैके ई को जमकर कोसा । लेकिन अंततः श्री राम, लक्ष्मण और सीता वन को चले गए। मांझी समाज के लोगों का हुआ सम्मान रामलीला की शुरुआत में मंच पर वशिष्ठ साहित्यकार कमलकांत शर्मा और जिले के मांझी समाज के कई पदाधिकारियो का सम्मान हुआ ।इस दौरान मुख्य अतिथि इसके अलावा आयोजन समिति के अध्यक्ष बलदेव राज बल्लू ,रमेश परिहार , नीलम उदैनियां,मनोज गोस्वामी , कुंजबिहारी गोस्वामी, सतीश उदैनियां, रामजी शरण राय, मनीष शर्मा, अनुराग शर्मा, प्रवीण भोंडेले समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। मंच का संचालन रविभूषण खरे ने किया।

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