लाडो रतन हॉस्पिटल की सोनोग्राफी सेवा 3 माह के लिए निलंबित PCPNDT बैठक में लिया गया निर्णय ।

KHABAR AAPTAK (NEWS INDIA)
        प्रधान संपादक साहिल खान 
        दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव 
             रिपोर्टर रामलाल गौतम 

दतिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभागार में आज पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) अधिनियम अंतर्गत महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. बी.के. वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा की गई। बैठक में नोडल अधिकारी डॉ डीके सोनी, जिला सलाहकार समिति सदस्य एडीपीओ शर्मा, डॉ डीके गुप्ता, डॉ मधुबाला गुप्ता, डॉ भूपेश गुप्ता, रामजीशरण राय के साथ ही मोनिटरिंग टीम के डॉ रचना गुप्ता, मनोज गुप्ता, सरदार सिंह गुर्जर सहित डॉ विशाल वर्मा, मीनाक्षी शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान 15 जून 2025 को गठित निरीक्षण समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जिसमें लाडो रतन हॉस्पिटल में की गई जाँच के दौरान गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।

*निरीक्षण के दौरान पाई गई मुख्य कमियां---*

आईवीएफ शिविर का आयोजन प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना किया गया।

*चिकित्सक की अनुपस्थिति में गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया।*

बिना ANC रजिस्ट्रेशन के हितग्राहियों की सोनोग्राफी की रसीद काटी गई।

रजिस्टर में डॉक्टर की रेफरल स्लिप का उल्लेख नहीं मिला।

रजिस्टर में अधिनियम के अनुसार आवश्यक विस्तृत जानकारी अधूरी पाई गई।

सोनोग्राफी सेंटर पर पीसीपीएनडीटी अधिनियम की प्रति उपलब्ध नहीं पाई गई।


*क्या लिया गया निर्णय?---*

इन सभी गंभीर त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.के. वर्मा ने निर्णय लिया कि लाडो रतन हॉस्पिटल का अल्ट्रासोनोग्राफी पंजीयन आगामी 3 माह के लिए निलंबित किया जाता है।

सभी सेंटर्स को दी गई चेतावनी
साथ ही सभी सोनोग्राफी सेंटर्स को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में किसी भी सेंटर द्वारा पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है, तो उनकी मान्यता स्थायी रूप से समाप्त की जा सकती है।

यह कार्रवाई भ्रूण लिंग जांच जैसे सामाजिक अपराधों पर लगाम लगाने और जन स्वास्थ्य व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई यह सख्त पहल आने वाले समय में अन्य संस्थानों के लिए भी चेतावनी स्वरूप है।

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