दतिया आदिवासियों के बीच पहुंचा नशा मुक्ति दल नुक्कड़ सभा कर किया जागरूक।

KHABAR AAPTAK (NEWS INDIA)
      प्रधान संपादक साहिल खान 
      दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव 

दतिया। अगर देखा जाए नशा की सबसे अधिक लत या नशा को करने वाले लोग मजदूरी करने वाले ज्यादा होते हैं जो अधिकांश सहरिया समुदाय या ग्रामों डेरा में ज्यादा पाए जाते हैं उनका अधिकांश रोजगार मजदूरी करना होता है नशा मुक्ति अभियान अंतर्गत सामाजिक न्याय विभाग दतिया का जागरूकता दल जब आदिवासी डेरा गोविंदपुर पहुंचा तब वहां की महिलाओं ने अपनी अपनी घर की व्यथा सुनानी प्रारंभ कर दी बुजुर्ग महिला का कहना था कि हमारे लोग मजदूरी करके आते हैं जिन्हें भोजन आदि पर रुपए अधिक खर्च करना चाहिए वो गुटखा खाकर बीड़ी पीते हुए शराब के नशे में घर आते हैं और विरोध करने पर महिलाओं के साथ झगड़ा करते हैं हम लोगों को अपने बच्चे पालना और जीवन चलाना भी कठिन हो जाता है यह सुनकर आसपास के घर से लोगों को बुलाया  गया । उनको नशा से दूर रहने तथा नशे की लत से होने बाली कठिनाइयों के विषय में जानकारी दी। ग्रामीणों को नशा मुक्त रहने की बात कही और नशा से होने वाले दुष्परिणाम तथा परिवार के जीवन यापन में आने वाली कठिनाइयों के विषय में जानकारी थी यह जानकारी नुक्कड़ सभा के रूप में संपन्न हुई जिसमें अर्चना बौद्ध ने एक गीत प्रस्तुत कर परिवार को नशा मुक्त रहने परिवार के मुखिया के द्वारा महिलाओं को प्रताड़ना देने के भाव को रखा।बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान न देने की भी बात रखी। प्रमुख कलाकार सामाजिक न्याय  विभाग दतिया से विनोद मिश्र,शैलेंद्र खरे और राजेश कतरोलिया ने अपने विचारों से लोगों को जागृत किया अंत में उपस्थित आदिवासी समुदाय के लोगों को नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई जो नशा करते हैं उन्होंने वचन दिया कि हम नशा न करने की आदत को डालेंगे और आपके बताए हुए मार्ग पर चलेंगे।

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