KHABAR AAPTAK(NEWS INDIA)
प्रधान संपादक साहिल खान
संपादक मनोज उपाध्याय
शिवपुरी रेलवे ब्रिज हादसा: प्रशासन की लीपापोती या ठेकेदार को बचाने का जाल।
शिवपुरी:रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे ओवरब्रिज आर. ओ . बी. की स्लैब गिरने से कुछ मजदूर घायल हो गए। ब्रिज गिराने की घटना के बारे में अधिकारियों से पूछा गया, तो अधिकारियों का कहना है कि ब्रिज की स्लैब में दरारें होने के कारण गिराया गया है, उधर जिला कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी का कहना भी यही है, कि स्लैब में दरारें पाई गईं थीं, जिसे लेकर 14 जून की रात "नियोजित" रूप से ब्रिज को गिराया गया,वह भी सभी सुरक्षा मानकों के पालन के साथ।
मगर सवाल ये है ?
अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक और सुरक्षित ढंग से किया गया था, तो फिर मजदूर घायल कैसे हुए,ओर मजदूरों की आवाज सड़कों तक कैसे गूंज गईं?
हकीकत में क्या है,?
प्रशासन कह रहा है कि ब्रिज को सुरक्षित ढंग से गिराया गया। लेकिन सच्चाई ये है कि मजदूर घायल हुए है।
क्या यही ‘सुरक्षा’है?
क्या मजदूरों की जान जान नहीं जो प्रशासन बोल रहा है, सब नियोजित ढंग से किया गया है, जो मजदूर घायल हुए, अगर उन की जान चली जाती तो फिर भी प्रशासन यही बोलता कि सब नियोजित ढंग से किया गया।
क्या शुभम कॉन्ट्रैक्शन की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती,?
ब्रिज की स्लैब को डाला गया, उसमें दरारें कैसे आईं क्या ये खराब क्वालिटी की सामग्री का नतीजा थी, या फिर ब्रिज के काम को जल्दी पूरा करना, या अनदेखी का परिणाम,?
खबर आपतक ने पी डब्लू डी उपयंत्री रविन्द्र शर्मा से बात की।
उपयंत्री रविन्द्र शर्मा का कहना है कि ब्रिज की स्लैब में दरार होने के कारण इसे गिराया गया है,ओर इस ब्रिज को गिराने का आदेश पी डब्लू डी विभाग के द्वारा 13 जून 2025 को दो दिन का अल्टीमेटम देकर ठेकेदार द्वारा स्लैब को गिराया जाए। ओर उपयंत्री रविन्द्र शर्मा से गयायल हुए मजदूरों के बारे में पूछा गया तो रविन्द्र शर्मा का कहना है कि दो मजदुर थोड़ा बहुत घायल हुए है।
सवाल?
जब ब्रिज की स्लैब को गिराने की पहले से जानकारी थी तो मजदूर घायल कैसे हुए । क्या प्रशासनिक अधिकारी ठेकेदार को बचा रहे है , ब्रिज के स्लैब को गिराने की पहले से जानकारी बोल कर।?


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