दतिया नगर पालिका बनाम नरक पालिका।।?

KHABAR AAPTAK (NEWS INDIA)
       प्रधान संपादक साहिल खान 
       दतिया ब्यूरो दीपक श्रीवास्तव 
           रिपोर्टर रामलाल गौतम 

स्थानीय राजघाट तिराहा से लेकर राजघाट कॉलोनी के मेन रोड तक नाला हुआ चौक रहवासी परेशान

दतिया के राजघाट तिराहा पर बना नाला आमजन के लिए मुसीबत बना हुआ है यह नाला राजघाट कॉलोनी से होता हुआ राजघाट तिराहा से गुजरता है जो की सीता सागर तालाब से जुड़ता है सबसे बड़ी बात जरा सी बरसात में ही यह नाला उफान पर आ जाता है और आसपास रह रहे  रहवासियों के घरों में गंदा पानी जाने लगता है जिससे आमजन को काफी परेशानी होती है आलम यह है कि राजघाट तिराहे से और राजघाट कॉलोनी के बीच में सैकड़ो की संख्या में परिवार निवास करते हैं  जरा सी बारिश होते ही उनके घरों में गंदा पानी जाने लगता है जिससे कई बीमारियां उत्पन्न होने लगती हैं एवं आमजन को निकलने में काफी परेशानियां होती है काफी समस्या इस नाले से वहां के रहवासियों के लिए बनी हुई है लेकिन अब तक नगर पालिका ने उनकी समस्या का  समाधान नहीं किया,

तेज बारिश होने से जलमग्न हो जाता है राजघाट तिराहा जिससे कि राजघाट तिराहे के आसपास भी रहने वाले कई परिवारों के घरों में भर जाता है पानी,

 नगर पालिका ने अब तक इस नाले को साफ करने का नहीं किया प्रयास जिससे राजघाट तिराहा पर काफी समस्या उत्पन्न हो रही है अब आखिर वार्ड वासी जाए तो जाए कहां।
दतिया शहर का हृदय स्थल किला चौक भी पहली बारिश में नगर पालिका की लापरवाही जनता के सामने एवं नाली नाले चौक। दतिया नगर पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं इस लिए नगर नहीं नरक पालिका है।




दतिया रिंग रोड बना कचरा रोड! न नगर पालिका को शर्म न सफाई कर्मियों को फुर्सत।

दतिया--शहर की रिंग रोड अब अपने नाम से नहीं, बल्कि 'कचरा संग्रह केंद्र' के नाम से मशहूर हो रही है। कचरे के अंबार से राहगीरों का दम घुटने लगा है, मगर नगर पालिका के जिम्मेदार अफसर आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं – मानो उन्हें गंध से एलर्जी नहीं, आदत हो गई हो!

स्थानीय रहवासी रोज सुबह इस आशा में आंख खोलते हैं कि आज शायद कोई सफाई कर्मी नजर आएगा… पर अफसोस! नजर सिर्फ कुत्ते, गाय और मक्खियां आती हैं – जो इस कचरे को अपना "दैनिक भोज" समझकर पिकनिक मना रही हैं।

गौरतलब है कि नगर पालिका के अफसर पूरे दिन गाड़ियों में घूमते जरूर हैं, मगर रिंग रोड की तरफ नजर उठाना शायद उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आता। पूछने पर जवाब मिलता है – "कार्य प्रगति पर है।" मगर वो प्रगति कब दिखेगी, ये भगवान भरोसे है।

शहरवासियों का कहना है – "अगर कोई कचरा देखने का शौकीन है, तो उसे किसी पर्यटन स्थल जाने की जरूरत नहीं – बस रिंग रोड आ जाए!"

अब देखना ये है कि नगर पालिका कब जागती है – या फिर शहरवासी कोई 'स्वच्छता आंदोलन' खुद शुरू करें?







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